
ईरान के कई आला अधिकारी भी कोरोना वायरस (Corona Virus) की चपेट में
कोरोना वायरस (Corona Virus) के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ईरान ने क़रीब 54 हज़ार कैदियों को अस्थायी तौर पर रिहा किया है। जिन जेलों में कैदियों की संख्या बहुत अधिक है और जेलें भरी हुई हैं, वहां कोरोना वायरस (Corona Virus) का संक्रमण रोकने के लिए यह क़दम उठाया गया है।
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न्यायपालिका के प्रवक्ता घोलमहुसैन इस्माइली ने पत्रकारों से कहा इन कैदियों की जांच की गई है और इनके सैंपल निगेटिव पाए गए हैं। ज़मानत पर इन्हें अस्थायी तौर छोड़ा गया है। हालांकि ‘सिक्योरिटी प्रिज़नर्स’ जिन्हें पांच साल से अधिक की सज़ा सुनाई गई है उन्हें नहीं छोड़ा गया है। ब्रिटिश-ईरानी चैरिटी वर्कर नाज़नीन ज़घारी-रैटक्लिफ़ को भी बहुत जल्दी ही छोड़ दिया जाएगा।
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नाज़नीन के पति ने शनिवार को कहा था कि उन्हें पूरा यक़ीन है कि उनकी पत्नी कोरोना वायरस से संक्रमित है। वो इस समय तेहरान के एविन जेल में हैं। हालांकि अधिकारियों ने उनकी जांच करने से मना कर दिया था।
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नाज़नीन को जासूसी के आरोप में दोषी ठहराए जाने के बाद साल 2016 में पांच साल की सज़ा सुनाई गई थी। ब्रिटेन कहता रहा है कि वो निर्दोष हैं। ईरान के कई आला अधिकारी कोरोना वायरस की चपेट में हैं। ईरानी संसद के 290 सदस्यों में से 23 के नमूने पॉज़िटिव पाए गए हैं।