आम आदमी पार्टी के असंतुष्ट सांसद हरिंदर सिंह खालसा गुरुवार को बीजेपी में शामिल हो गए हैं
पंजाब। लोकसभा चुनाव से पहले देश में बने चुनावी मौसम में असंतुष्ट नेताओं का दल बदलने का सिलसिला जारी है भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), कांग्रेस समेत कई अन्य दलों के बड़े नेता दल बदल चुके हैं अब इसी क्रम में एक और नाम जुड़ने जा रहा है अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के एक असंतुष्ट सांसद ने अब भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है।
आम आदमी पार्टी के असंतुष्ट सांसद हरिंदर सिंह खालसा गुरुवार को बीजेपी में शामिल हो गए हैं उन्हें वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपनी पार्टी में शामिल करवाया दिल्ली में सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी के लोकसभा में 4 सांसद हैं और ये सभी पंजाब से आते हैं हालांकि आम आदमी पार्टी पहले ही फतेहगढ़ साहिब से लोकसभा सांसद हरिंदर सिंह खालसा को निलंबित कर चुकी है।
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बीजेपी में आने के बाद हरिंदर सिंह खालसा ने कहा कि देश में अभी सिर्फ एक ही पार्टी है जो देश को सही दिशा में ले जा सकती है और वह है भारतीय जनता पार्टी. बाकी सभी दल सत्ता के लोभी हैं. उन्होंने कहा, ‘मैंने बिना किसी शर्त के पार्टी को ज्वाइन किया है. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेहद प्रभावित हूं.’ इस अवसर पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि हरिंदर सिंह खालसा के परिवार का सामाजिक जीवन काफी पुराना है. उनका परिवार पहले अकाली दल से जुड़ा था. वह 1974 बैच के भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के अफसर हैं. वह 1984 में सिख विरोधी दंगों के दौरान ओस्लो में थे. और वही एकमात्र ऐसे आईएफएस अफसर हैं जिन्होंने इस दंगे के विरोध में नौकरी छोड़ी थी।
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अंबेडकर के बेहद करीबी रहे पिता
हरिंदर सिंह के पिता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के बेहद करीबी रहे हैं वह अनुसूचित जाति से आते हैं 1996 में उन्हें पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए थे. 2014 में फतेहगढ़ साहिब लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर फिर से चुने गए, लेकिन जल्द ही उनका आम आदमी पार्टी से मोहभंग हो गया।
राजनीति में आने से पहले हरिंदर सिंह खालसा नार्वे में भारत के राजदूत भी रह चुके हैं. उन्होंने पिछले दिनों ऐलान किया था कि वह अब आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. हरिंदर सिंह ने 1984 में श्री दरबार साहिब में ऑपरेशन ब्लू स्टार के विरोध में अपनी नाराजगी जताते हुए राजदूत पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद वह राजनीति में आ गए।
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1996 में हरिंदर सिंह खालसा अकाली दल (बादल) के टिकट पर बठिंडा (सुरक्षित) लोकसभा सीट से चुने गए थे. उन्होंने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नौटंकीबाज करार दिया था. साथ ही यह भी कहा था कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनको चुनाव प्रचार करने के लिए कोई ड्यूटी लगाएंगे तो वह उसे जरूर निभाएंगे।