असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा, ‘आधार एक्ट का सेक्शन नौ कहता है कि ये नागरिकता का प्रूफ नहीं है
नागरिकता संशोधन एक्ट और नेशनल रजिस्टर फॉर पॉपुलेशन के मसले पर देशभर में जारी बहस के बीच एक नया मामला सामने आया है। आधार कार्ड के अधिकारियों की ओर से हैदराबाद के नागरिक मोहम्मद सत्तार को उनकी नागरिकता साबित करने के लिए कहा गया है। इस नोटिस को लेकर राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया है, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरकार पर निशाना साधा है।
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पुराने हैदराबाद के नागरिक मोहम्मद सत्तार को UIDAI के अधिकारियों ने समन भेजा है और नागरिकता प्रूव करने को कहा है। मोहम्मद सत्तार चारमीनार थाना क्षेत्र के भवानी नगर में रहते हैं।UIDAI का कहना है कि आधार के नियम 30 के तहत मोहम्मद सत्तार को ये नोटिस भेजा गया है। जिसमें मोहम्मद सत्तार को सभी जरूरी कागजात लेकर आने होंगे, जिससे कि वह अपनी नागरिकता को साबित कर सकें। इतना ही नहीं इस नोटिस में ये भी कहा गया है कि अगर वो भारत के नागरिक नहीं हैं तो उन सभी कागजों के साथ आए जिसके तहत उन्हें यहां रहने की परमिशन मिली है।
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There are news items in certain section of media regarding UIDAI issuing notices of inquiry to some residents for obtaining Aadhaar on false pretence on the complaints from the State Police which suspect them of being illegal immigrants. 2/n
— Aadhaar (@UIDAI) February 19, 2020
इस नोटिस को लेकर मोहम्मद सत्तार के वकील मुजफ्फर अली खान का कहना है कि वह इस मुद्दे को हाई कोर्ट तक ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने ही कहा है कि आधार कार्ड नागरिकता का सबूत नहीं है। वकील का कहना है कि मोहम्मद सत्तार के अलावा दो अन्य लोगों को भी ऐसा ही नोटिस आया है।
इस विवाद पर UIDAI की ओर से सफाई भी दी गई है। UIDAI ने अपने जवाब में कहा है, ‘रीजनल ऑफिसर हैदराबाद को राज्य की पुलिस से 127 लोगों के बारे में जानकारी मिली थी, जिनके पास फर्जी आधार कार्ड होने की संभावना है। ये लोग घुसपैठिए हो सकते हैं, जिनके पास ऐसे आधार कार्ड हैं जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं है। इसी कारण से स्थानीय अधिकारी ने कुछ लोगों को नोटिस भेजा है। जो जवाब आएगा उसे जांचा जाएगा, अगर किसी का आधार नंबर मैच नहीं करता है तो उसे रद्द किया जाएगा। इसका किसी की नागरिकता से कोई मतलब नहीं है।
UIDAI के द्वारा जारी किए गए इस नोटिस पर विवाद शुरू हो गया, पहले तो सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा शुरू हुई। और अब हैदराबाद के सांसद-AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरकार पर निशाना साधा है।
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असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा, ‘आधार एक्ट का सेक्शन नौ कहता है कि ये नागरिकता का प्रूफ नहीं है। UIDAI को क्या कानूनी अधिकार है कि वो किसी से उसकी नागरिकता का प्रमाण मांगे? नोटिस में कोई ठोस तर्क भी नहीं दिया गया है। ये गैर संवैधानिक है और बर्दाश्त के बाहर है’।
बता दें कि आधार से नागरिकता प्रूफ करने का मामला तब सामने आया है, जिस दिन हैदराबाद पुलिस ने यमन के एक नागरिक को गिरफ्तार किया है। यमन नागरिक पर आरोप है कि उसने फर्जी पासपोर्ट, आधार कार्ड बनाया है और उनके साथ ही यहां पर रह रहा था। हैदराबाद पुलिस ने यमन नागरिक को फलकनुमा क्षेत्र से गिरफ्तार किया है।