नई दिल्ली । केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार),प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज यहां आयोजित एक कार्यक्रम में जेईई (मुख्य और एडवांस), 2017-18 की परीक्षा में सफल होने वाले ‘कश्मीर सुपर 30’ के छात्रों को सम्मानित किया।
कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के प्रतिभाशाली छात्रों को सहायता उपलब्ध कराना है।
ये छात्र भारतीय सेना के ‘कश्मीर सुपर 30’ पहल से जुड़े हुए हैं। पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड (पीएलएल) और सेन्टर फॉर सोशल रिस्पोंस्बिलिटी एंड लीडरशिप (सीएसआरएल) इस पहल के प्रशिक्षण सहयोगी हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के प्रतिभाशाली छात्रों को सहायता उपलब्ध कराना है, ताकि वे शैक्षणिक सफलता हासिल कर सकें। इसके लिए छात्रों को इंजीनियरिंग परीक्षा के लिए कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इस वर्ष इस योजना में 50 छात्रों का चयन किया गया था। इनमें से 32 छात्रों ने जेईई मुख्य परीक्षा 2017-18 में सफलता प्राप्त की। इन सफल छात्रों में से 7 छात्रों ने जेईई एडवांस परीक्षा में सफलता हासिल की। अब ये छात्र प्रतिष्ठित आईआईटी संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करेंगे।डॉ. जितेन्द्र सिंह ने छात्रों को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी। मंत्री से बातचीत के क्रम में छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए। छात्रों ने भारतीय सेना, पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड (पीएलएल) और सेन्टर फॉर सोशल रिस्पोंस्बिलिटी एंड लीडरशिप (सीएसआरएल) को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
भारतीय सेना, पीएलएल और सीएसआरएल के प्रयासों की सराहना।
छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि इन छात्रों ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है, जिसका अनुसरण दूसरे छात्र कर सकते हैं। उन्होंने भारतीय सेना, पीएलएल और सीएसआरएल के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं में से कुछ हमारे साथ हैं। मंत्री महोदय ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में युवाओं के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं, जैसे स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया आदि। देश के युवा इन योजनाओं से लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को अपने जीवन का लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता मिली है।
मंत्री ने कहा कि सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को पहले संसाधनों व अध्ययन सामग्री की कमी का सामना करना पड़ता था, परंतु बदलते समय के साथ तथा आधुनिक तकनीक की उपलब्धता से जानकारियां आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। अध्ययन सामग्री की भी कोई कमी नहीं हैं। इससे सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को अपने जीवन का लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता मिली है। मंत्री ने आयोजकों से इस पहल का विस्तार दूसरे क्षेत्रों में करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह समाज के वंचित तबकों के लिए एक बड़ी मदद होगी। उन्होंने आयोजकों को सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों के लिए टेली-शिक्षा जैसी आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की सलाह दी।
इस अवसर पर ब्रिगेडियर ए. श्रीधर, 19 आर्टिलरी ब्रिगेड, राजेश सिंह, निदेशक (तकनीक) पीएलएल तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।