Shaheen Bagh:’नो कैश नो पेटीएम’ के बैनर से ये सन्देश देने की कोशिश की जा रही है कि प्रदर्शन के लिए किसी को पैसे नहीं दिए जा रहे
शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में चल रहे प्रदर्शनों को लेकर बीजेपी के दावे के जवाब के रूप में वहां ‘नो कैश नो पेटीएम’ का बैनर नजर आ रहा है। जिससे यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि प्रदर्शन के लिए किसी को पैसे नहीं दिए जा रहे। दरअसल, बीजेपी ने एक विडियो पोस्ट कर दावा किया था कि शाहीन बाग में प्रदर्शन में शामिल हो रहे लोगों को 500-700 रुपये दिए जा रहे हैं।
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प्रदर्शनकारियों के अनुसार, ये पोस्टर यह बताने के लिए लगाए गए हैं कि न यहां कोई पैसे ले रहा है और न कोई पैसे दे रहा है। शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में प्रदर्शन कर रही मुमताज बताती हैं, ‘बैंक अकाउंट ट्रांसफर, ऑनलाइन ट्रांसफर और कैश ये तीनों ही तरीके से यहां पैसे देना या लेना प्रतिबंधित है। इस पोस्टर में भी तीनों ही प्रकार से लेनदेन की मनाही दिखाई गई है। इसके अलावा अब बार-बार शहीन बाग के इस मंच से भी प्रदर्शनकारियों को सतर्क किया जा रहा है।
Those who are saying protesters at #ShaheenBagh are paid, this is for you folks..
We don't accept Cash, No Paytm, neither have Bank Accounts. ~ @amitmalviya
This Propaganda is running to distract from economic issues, jobs, unemployment, #JNUTapes #DavinderSinghTerrorist pic.twitter.com/krdPrfnMdN
— Shaheen Bagh Official (@ShaheenBagh_) January 17, 2020
शाहीन बाग (Shaheen Bagh): प्रदर्शन के लिए पैसे देने के BJP के दावे पर पोस्टर से जवाब, ‘नो कैश नो पेटीएम’ व्यवस्था संभाल रहीं आरफा ने कहां कि जो लोग सोशल मीडिया में शाहीन बाग की औरतों को लेकर अफवाहें फैला रहे हैं, ये पोस्टर्स अफवाह फैला रहे उन लोगों पर तंज और एक प्रकार का व्यंग्य है शाहीन बाग में पैसा लेकर प्रदर्शन में पहुंचने के आरोपों पर पोस्टर से जवाब दिया गया है
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यहां नो कैश, नो पेटीएम पोस्टर से बीजेपी के आरोपों पर जवाब देने की कोशिश की गई है आयोजकों ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि किसी को पैसा नहीं दिया गया है शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शनों को लेकर बीजेपी के दावे के जवाब के रूप में वहां ‘नो कैश नो पेटीएम’ का बैनर नजर आ रहा है।जिससे यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि प्रदर्शन के लिए किसी को पैसे नहीं दिए जा रहे। दरअसल, बीजेपी ने एक विडियो पोस्ट कर दावा किया था कि शाहीन बाग में प्रदर्शन में शामिल हो रहे लोगों को 500-700 रुपये दिए जा रहे हैं।
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प्रदर्शनकारियों के अनुसार, ये पोस्टर यह बताने के लिए लगाए गए हैं कि न यहां कोई पैसे ले रहा है और न कोई पैसे दे रहा है। शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रही मुमताज बताती हैं, ‘बैंक अकाउंट ट्रांसफर, ऑनलाइन ट्रांसफर और कैश ये तीनों ही तरीके से यहां पैसे देना या लेना प्रतिबंधित है। इस पोस्टर में भी तीनों ही प्रकार से लेनदेन की मनाही दिखाई गई है। इसके अलावा अब बार-बार शहीन बाग बाग के इस मंच से भी प्रदर्शनकारियों को सतर्क किया जा रहा है।
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यहां व्यवस्था संभाल रहीं आरफा ने कहां कि जो लोग सोशल मीडिया में शाहीन बाग की औरतों को लेकर अफवाहें फैला रहे हैं, ये पोस्टर्स अफवाह फैला रहे उन लोगों पर तंज और एक प्रकार का व्यंग्य है। शनिवार सुबह शाहीन बाग की सड़क पर धरना देने पहुंचीं 63 वर्षीय अशर्फी ने कहा, ‘हम यहां 500 रुपये लेने नहीं आए हैं, बल्कि हम तो अपने उन 500 सालों को बचाने आए हैं, जो हिंदुस्तान की इस मिट्टी में दफन है।
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अशर्फी के मुताबिक, उन्हें डर है कि उन्होंने अब अगर आवाज नहीं उठाई तो आने वाले कल में उनके बच्चे मुसीबत में पड़ सकते हैं। गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक विडियो शेयर किया था जिसमें दो लोग आपस में बात कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि शाहीन बाग में धरना दे रहीं महिलाएं शिफ्ट के हिसाब से आती हैं, और प्रत्येक शिफ्ट के लिए हर एक महिला को 500 रुपये का भुगतान किया जा रहा है।
संबित ने विडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘कश्मीर में 500 ₹ में पत्थरबाजी कराते थे शहीन बाग में 500₹ में बग़ावत कारते है ये कौन है जो चंद रुपयों के लिए बेबस हिंदुओं,सिखों,जैनियों,बौध और ईसाइयों के पीड़ा को नजरअन्दाज कर केवल अपने जेबों की चिंता करते है?’
इस विडियो से स्थानीय लोग काफी नाराज हैं। लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर भी किया और कहा कि इसपर अधिक बात न की जाए। उनका कहना है कि यह शाहीन बाग के प्रदर्शन को बदनाम करने के लिए है।