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नारायणपुर।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा घोषित नवीनतम परिणामों में नारायणपुर जिले के मेधावी युवा अंकुश बेनर्जी ने प्रदेश में सातवाँ स्थान हासिल कर उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त की है। यह पहली बार है जब नारायणपुर जिले से किसी छात्र ने टॉप टेन में स्थान बनाया है। परिणाम घोषित होते ही पूरे जिले में हर्ष का वातावरण बन गया। नगर के किराना व्यवसायी और योग प्रशिक्षक सुबोध बेनर्जी और माता ने इसे उनके सतत परिश्रम और दृढ़ इच्छाशक्ति का परिणाम बताया।
अंकुश बेनर्जी लंबे समय से सिविल सेवा की तैयारी में जुटे हुए थे। दिल्ली में रहकर उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की तैयारी की और लगातार तीन बार मुख्य परीक्षा तक पहुँचे, किंतु इंटरव्यू तक नहीं पहुँच सके। परिस्थितियों को समझते हुए वह अपने घर नारायणपुर लौटे, जहाँ उन्होंने परिवार को व्यापार में सहयोग देना शुरू किया। इसके साथ ही उन्होंने अपना लक्ष्य छोड़ा नहीं और छत्तीसगढ़ पीएससी की तैयारी जारी रखी। वर्ष 2024 में प्रथम प्रयास में उन्होंने 137वीं रैंक हासिल कर अपनी क्षमता का प्रमाण दिया। इसी सफलता ने उनका आत्मविश्वास बढ़ाया और दूसरे प्रयास में उन्होंने प्रदेश में सातवाँ स्थान प्राप्त कर जिले का गौरव बढ़ा दिया।
अंकुश के भाइयों अभिषेक बेनर्जी और नारायण बेनर्जी ने बताया कि अंकुश बचपन से ही बेहद परिश्रमी और गंभीर स्वभाव के रहे हैं। उनका कहना है कि अंकुश की यह सफलता उनके धैर्य और निरंतर अभ्यास का परिणाम है। बंग समाज के जिलाध्यक्ष कार्तिक नंदी ने कहा कि अंकुश जैसी प्रतिभाएँ युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं और उन्होंने पूरे समुदाय का मान बढ़ाया है।
परिणाम की घोषणा रात में बारह बजे के बाद हुई और लगभग आधे घंटे में ही स्थानीय विधायक और मंत्री केदार कश्यप ने फोन कर अत्यंत हर्ष व्यक्त करते हुए अंकुश को बधाई दी। इसके तुरंत बाद बस्तर के सांसद महेश कश्यप ने भी फोन पर शुभकामनाएँ दीं। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ रमाशंकर श्रीवास्तव ने अंकुश की उपलब्धि को जिले और समाज के लिए गौरव का क्षण बताया।
सर्व ब्राह्मण समाज के जिला अध्यक्ष आलोक झा ने कहा कि अंकुश ने चरैवेति चरैवेति मंत्र का पालन करते हुए अपनी दृढ़ निष्ठा और परिश्रम के बल पर यह सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि जिले में पहली बार इस स्तर का परिणाम आने से युवा वर्ग में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार होगा।
अंकुश ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, भाई, मित्रों और गुरुओं के मार्गदर्शन को देते हुए कहा कि वह छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा के लिए सदैव समर्पित रहेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिबद्धता यह है कि शासन की सभी योजनाओं और सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाया जाए और समाज के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाए।
