करनाल, 1 मई 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले में शहीद हुए भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की 27वीं जयंती पर उनके गृह जनपद करनाल में एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस भावनात्मक अवसर पर विनय के परिवार ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और समाज से शांति व एकता की अपील की। शिविर का आयोजन स्थानीय एनजीओ ‘नेशनल इंटीग्रेटेड फोरम ऑफ आर्टिस्ट्स एंड एक्टिविस्ट्स’ (निफा) द्वारा किया गया, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए।
परिवार की भावनात्मक प्रतिक्रिया
विनय की बहन सृष्टि नरवाल ने कहा, “विनय की पत्नी हिमांशी इस हादसे से अब भी उबर रही हैं। जिसका पति उसकी आंखों के सामने शहीद हो गया हो, उसकी हालत कैसी होगी — ये सिर्फ महसूस किया जा सकता है।” सृष्टि ने रक्तदान के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “हम सभी से अपील करते हैं कि अधिक से अधिक लोग रक्तदान करें। यह विनय को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”
विनय की पत्नी हिमांशी ने मंच पर भावुक होते हुए कहा, “मैं किसी के खिलाफ नफरत नहीं चाहती। हम नहीं चाहते कि लोग मुसलमानों या कश्मीरियों के खिलाफ नफरत फैलाएं। हम शांति चाहते हैं, सिर्फ शांति।” हिमांशी ने अपने हाथों पर विनय के नाम की मेहंदी दिखाई, जो उनकी यादों का प्रतीक थी। उन्होंने यह भी कहा, “हम न्याय चाहते हैं। जिन लोगों ने यह जघन्य अपराध किया, उन्हें सजा मिलनी चाहिए।”
विनय के पिता राजेश नरवाल ने कहा, “लोगों की जान बचाना भी देशभक्ति है। सरकार से मिलने वाला कोई भी फंड हम विनय के नाम पर बने संस्थान को दान करेंगे।” उन्होंने सरकार से विनय को बलिदानी का दर्जा देने की मांग दोहराई।
रक्तदान शिविर का महत्व
शिविर में विनय की मां आशा रानी, पिता राजेश, और पत्नी हिमांशी ने भी रक्तदान की इच्छा जताई, हालांकि डॉक्टरों की सलाह के बाद उनकी भागीदारी तय की जाएगी। करनाल के विधायक जगमोहन आनंद और मेयर रेणु बाला गुप्ता ने भी इस अवसर पर शहीद को श्रद्धांजलि दी। एक वक्ता ने कहा, “आतंकवादी निर्दोष लोगों का खून बहाते हैं, लेकिन इस रक्तदान शिविर के जरिए हम कई जिंदगियां बचा सकते हैं।”
विनय नरवाल का बलिदान

26 वर्षीय लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, हरियाणा के करनाल के भुसली गांव के रहने वाले थे। उनकी शादी 16 अप्रैल 2025 को हिमांशी के साथ हुई थी, और वे हनीमून के लिए पहलगाम गए थे। आतंकियों ने धर्म पूछकर विनय को गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी। विनय दो साल पहले भारतीय नौसेना में शामिल हुए थे और कोच्चि में तैनात थे।
सामाजिक मांग और सरकार का रुख
विनय के परिवार और स्थानीय संगठनों ने सरकार से उन्हें बलिदानी का दर्जा देने की मांग की है। हरियाणा सरकार ने शहीद के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, “विनय का बलिदान कभी भुलाया नहीं जाएगा। हम उनके परिवार के साथ हर कदम पर खड़े हैं।”
शांति और एकता का संदेश
हिमांशी और सृष्टि ने समाज से नफरत के बजाय शांति और एकता को बढ़ावा देने की अपील की। इस रक्तदान शिविर ने न केवल विनय की स्मृति को जीवित रखा, बल्कि उनके बलिदान को एक सामाजिक बदलाव का माध्यम बनाया। विनय नरवाल की शहादत न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय बनी हुई है।
रिपोर्ट : सुरेन्द्र कुमार
