बड़ी खबर: रेलवे आपदा प्रबंधन को सशक्त करने के लिए RPF, NDRF और IRIDM का ऐतिहासिक समझौता“गोल्डन आवर” में तेज और समन्वित राहत के लिए त्रिपक्षीय MoU पर हस्ताक्षर


८ अक्टूबर, 2025

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने आपदा प्रबंधन और यात्रियों की सुरक्षा को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 6 अक्टूबर, 2025 को रेल मंत्रालय के पंचवटी कॉन्फ्रेंस कक्ष में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), और भारतीय रेलवे आपदा प्रबंधन संस्थान (IRIDM), बेंगलुरु के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता रेल दुर्घटनाओं के दौरान “गोल्डन आवर” में त्वरित और समन्वित राहत सुनिश्चित करने के लिए एक अभूतपूर्व कदम है।

हस्ताक्षरकर्ता और प्रमुख उपस्थितियाँ
समझौते पर RPF की ओर से महानिरीक्षक (प्रशिक्षण) बी. वी. राव, NDRF की ओर से महानिरीक्षक नरेंद्र सिंह बुंदेला, और IRIDM की ओर से निदेशक श्रीनिवास ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के सदस्य (ट्रैक्शन एंड रोलिंग स्टॉक) आर. राजगोपाल, महानिदेशक (मानव संसाधन) अरुणा नायर, महानिदेशक (NDRF) पीयूष आनंद, महानिदेशक (RPF) सोनाली मिश्रा, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

“गोल्डन आवर” पर विशेष ध्यान
यह समझौता रेल दुर्घटनाओं में “गोल्डन आवर”—दुर्घटना के बाद का पहला घंटा, जब जीवन बचाने की संभावना सर्वाधिक होती है—को प्राथमिकता देता है। यह साझेदारी एकीकृत राहत अभियानों और क्षमता निर्माण के लिए स्पष्ट संस्थागत ढांचा प्रदान करती है। RPF की महानिदेशक सोनाली मिश्रा ने कहा, “सभी हितधारकों के बीच प्रभावी सहयोग और समन्वय के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएँ (SOPs) तैयार करना आवश्यक है।”

मुख्य विशेषताएँ और लाभ

  • “गोल्डन आवर” बचाव: प्रत्येक ड्रिल और प्रोटोकॉल का उद्देश्य तेज पहुंच, प्राथमिक चिकित्सा, और कोचों से सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करना है।
  • रेलवे-विशिष्ट प्रथम प्रतिक्रिया: RPF को संकुचित स्थानों में बचाव कार्यों की विशेष दक्षता विकसित करने पर जोर।
  • मानक SOPs: IRIDM कोच निकासी, स्थिरीकरण, और रोगी हस्तांतरण के लिए एकीकृत प्रक्रियाएँ विकसित करेगा।
  • इंटरऑपरेबिलिटी: साझा चेकलिस्ट, रेडियो शिष्टाचार, और संयुक्त ड्रिल्स के माध्यम से एकीकृत कार्य प्रणाली।

त्रिस्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

  1. मॉड्यूल A: JR RPF अकादमी में आधारभूत प्रशिक्षण।
  2. मॉड्यूल B: NDRF बटालियनों में फील्ड संवेदनशीलता प्रशिक्षण।
  3. मॉड्यूल C: IRIDM में उन्नत सिमुलेशन-आधारित प्रशिक्षण।
  • JR RPF अकादमी: नोडल केंद्र के रूप में कार्य करेगी।
  • NDRF: बटालियन-स्तरीय संवेदनशीलता सत्र आयोजित करेगी।
  • IRIDM: उन्नत, परिदृश्य-आधारित पाठ्यक्रम डिज़ाइन और प्रलेखन करेगा।

RPF के पक्ष में प्रभावी तर्क
यह समझौता RPF की आपदा प्रबंधन में नेतृत्वकारी भूमिका को रेखांकित करता है। RPF न केवल प्रथम प्रतिक्रिया में अपनी दक्षता बढ़ाएगी, बल्कि संयुक्त प्रशिक्षण और SOPs के माध्यम से रेलवे सुरक्षा को नए आयाम देगी। यह ढांचा सभी जोनल रेलों पर लागू होगा और सतत सुधार के लिए संरचित है, जिससे RPF की छवि एक सक्षम और तत्पर बल के रूप में और मजबूत होगी।
यह त्रिपक्षीय समझौता भारतीय रेलवे की आपदा तैयारी को अभूतपूर्व स्तर पर ले जाएगा। “गोल्डन आवर” में तेज, सुरक्षित, और समन्वित राहत सुनिश्चित करने के लिए RPF, NDRF, और IRIDM की यह साझेदारी यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा के प्रति रेलवे की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह एक दोहराने योग्य और मापनीय मॉडल है, जो भविष्य में रेलवे आपदा प्रबंधन को और सुदृढ़ करेगा।

रिपोर्ट : सुरेंद्र कुमार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!