जय भारत माता
जय भारत माता
जिसने जन्म लिया तेरी गोद में
वो नर तर जाता। जय भारत माता ।
ऋषि मुनि की धरती
सब जग को ज्ञाता
पावन पुनीत धरती
धूल चंदन सी पाता।जय भारत माता।
हिम का हिमालय
कैलाशी का शिवालय
रक्षा तेरी करता
दुश्मन के इरादे
असफल सारे करता। जय भारत माता
गंगा जमुना सरस्वती
नर्मदा कावेरी ताप्ती
जल निर्मल मिलता
पालन पोषण करता
पाप सबके हरता।जय भारत माता।
हरी भरी यह धरती
नित्य प्रगति करती
अन्न खूब उगलती
उदर पोषण करती। जय भारत माता।
दुश्मन जो ललकारे
मौत सभी वो पावें
तेरे लाल सदा मां
उसे मौत के घाट उतारें।जय भारत —-
एक बार नहीं
बार बार जन्म लेवें
फिर से जन्म लेकर
गोद में तेरी खेलें। जय भारत माता।
तारकेश्वर चौरे
श्री कृपा जे एम 24
किशोर नगर खंडवा मध्यप्रदेश
मै तारकेश्वर चौरे, पिता स्व गौरीशंकर चौरे ,सेवा निवृत्त पोस्टमास्टर निवासी श्री कृपा जे एम 24किशोर नगर खंडवा 450001का हूं।मेरी शिक्षा बी काम,एल एल बी है। लिखने पढ़ने का शौक है, मैं अपनी स्वरचित कविताएं लिखता हूं जो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में, प्रकाशित होती रहती है। विभिन्न काव्य संग्रहों में भी मेरी रचनाएं प्रकाशित होती हैं। मेरा एक स्वयं का काव्य संग्रह भी प्रकाशनाधिन है,जो निकट भविष्य में आने वाला है।
शिक्षा रत्न पुरस्कार हेतु मेरी एक रचना सादर अभिवादन सहित प्रेषित है।