प्रेम जीवन का आधार

प्रेम ही है सभी संबंधों का आधार, प्रेम से ही प्रदर्शित होता है हमारा व्यवहार, प्रेम ने हमारे जीवन को कई रूपों में स्पर्श किया है- प्रेम जब माता-पिता से…

बचपन की बारिश बारिश की बूंदों में कुछ भीगा सा एक बचपन रह गया है,काग़ज़ की नावों में डूबा सपना सा जीवन रह गया है। टप-टप की आवाज़ों में जो…

“मैं आज़ाद हूँ…!”

न ज़ंजीरों की खनक रही,न हुक्म की वो सदा रही,अब साँसों में जो बह रहा,वो हवाओं में वतन की दुआ रही। मैं आज़ाद हूँ…पर ये आज़ादी यूँ ही नहीं आई,किसी…

शिव त्रिशूल (हाइकु)

शस्त्र त्रिशूलआध्यात्मिक प्रतीकशिव कर में शिव त्रिशूलसत्य की पराकाष्ठाकलियुग में डगमग जगआस्था विहीन मनत्रिशूल जाने पूजे त्रिशूलभक्त हो अभिमानीये जग जाने तीन धाराएँउत्पत्ति स्थति लयतेज त्रिशूल दिव्य स्वरूपत्रिकाल है त्रिशूलभक्त…

मृदु रिश्तों के झंकार

भगवन! देखो तो तुमने यहकैसा संसार बसाया है?लोभ मोह में जग डूबा है,अपने खून ने अपनों को सताया है! निकल गए मेरे सपने अनंतसावन भी बीत गयाकिन्तु प्रफुल्लित,अपनों ने कभी…

देवी ही संपूर्ण ब्रह्मांड की रचना, पालन और संहार करने वाली मूल शक्ति : आचार्य महामंडलेश्वर

देवी भागवत महापुराण कथा के पाँचवें और छठे स्कंध का दिव्य वाचनअजमेर।प्रेम प्रकाश आश्रम, चौरसिया वास रोड, वैशाली नगर में चल रही श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा में रविवार को…

आद्याशक्ति भगवती का सर्वोच्च स्वरूप:आचार्य महामंडलेश्वर

कथा के तीसरे दिन उमड़ा भक्तों का सैलाबअजमेर। सनातन धर्म में भव्य रूप से आयोजित श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा का तीसरा दिन शनिवार को श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत आध्यात्मिक…

उत्तरपुस्तिका परीक्षण र स्क्रुटिनी बोर्डको अनुशासनबारे यथार्थ विवरण

जब हामी नेपालमा बोर्डको स्क्रुटिनी (scrutiny) प्रणाली हेरौं, त्यहाँ अनुशासन र न्यायको गहिरो खाँचो देखिन्छ। स्क्रुटिनीको नैतिकता शिक्षाको गहना हो। तर मैले अनुभूति गरे कि स्क्रुटिनी बोर्डमा अनुशासनको अभाव छ।…

पृथ्वीराज पब्लिक स्कूल, डोडियाना में नवीन भवन का भव्य उद्घाटन राजऋषि समताराम जी महाराज के पावन करकमलों से सम्पन्न

डॉ. अम्बेडकर जयंती पर शिक्षा, संस्कृति और संतवाणी के संगम ने रचा प्रेरणास्पद आयोजन | 15 सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, गुरुओं एवं विद्यार्थियों के सम्मान से समारोह हुआ अविस्मरणीय डोडियाना, 14 अप्रैल…

मधुर मधुर जल दीप पतंगा

मधुर मधुर जल दीप पतंगा,खुद ही जान लुटाएगा।प्रेम करो निस्वार्थ भाव से,सबको ये सिखलाएगा।। माना खुद ही जान गँवाना,नहीं अक्ल की बात है।जीवन है दो चार दिनों का,जन्म ईश सौगात…

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