दूर दराज से आए किसानों को होती है परेशानी
प्रबंधक की उदासीनता और कर्मचारी लापरवाह
महेंद्र श्रीवास्तव। संस्कार न्यूज
अनूपपुर। अनूपपुर जिला मुख्यालय में संचालित जिला सहकारी समिति मर्यादित बैंक अनूपपुर में कर्मचारियों को आए दिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जहां एक और इन दिनों किसानों को अपनी खेती बाड़ी के लिए पैसे की जरूरत है और वह लगातार बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं तो वहीं बैंक के कर्मचारी भी मनमानी करते नजर आ रहे हैं सबसे ज्यादा बद्तर स्थित सहकारी बैंक अनूपपुर की है। जहां पर कर्मचारियों की कमी और बैंक प्रबंधक की उदासीनता के चलते पैसा निकालने या जमा करने गए किसानों को घंटों तक इंतजार करना पड़ता है। दूर दराज से आए किसानों ने बताया कि वह सुबह 11:00 से बैठे हैं और अभी 3:00 बज रहे हैं और अभी भी उनको पैसा नहीं मिल पाया है। ऐसे में बूढ़े अपाहिज और महिलाएं किसान काफी परेशान नजर आ रही है।
प्रबंधक की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे किसान
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित अनूपपुर में पदस्थ प्रबंधन की लापरवाही के कारण प्रतिदिन सैकड़ो किसान परेशान होते हैं कुछ किसानों ने बताया कि वह व्यक्ति तीन दिनों से आ रहे हैं और उन्हें केवाईसी और खाते में मोबाइल नंबर लिंक ना होने का बहाना कर उन्हें परेशान किया जा रहा है और वह 20 से 50 किलोमीटर दूर से आकर फिर से वापस लौट जाते हैं ऐसे में भला बैंक में प्रबंधक को किस लिए बैठाया गया है इस हिसाब जाहिर होता है कि बैंक प्रबंधक लापरवाही कर रहा है और उसका खामियाजा जिले के किस भुगत रहे हैं।
चाय की चुस्की लेते नजर आए कर्मचारी
जिला सहकारी मर्यादित बैंक अनूपपुर में यूट्यूब कर्मचारियों की कमी साफ दिखाई देती है लेकिन जितने भी कर्मचारी हैं वह काम के समय पर चाय की चुस्की लेते नजर आते हैं वहीं दर्जनों किसान बैंक में कतार लगाए अपनी बारी का इंतजार करते हैं लेकिन कर्मचारी हैं कि अपनी मनमानी पर उतारू रहते हैं। कुछ महिलाओं ने बताया कि जब हम पासबुक चेक करने और पैसा निकालने की बात करते हैं तो कर्मचारियों द्वारा कहा जाता है कि अभी बाहर बैठो थोड़ी देर बाद किया जाएगा और वह घंटे तक अपनी बारी का इंतजार करते बैठे रह जाते हैं।
दुरुस्त नहीं हो रही व्यवस्था जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान
जिला सहकारी मर्यादित बैंक शाखा अनूपपुर में सैकड़ो खाता धारक हैं और जिनमें से अधिकांश खाताधारक किसान हैं जो उसे बैंक के माध्यम से अपना लेनदेन करते हैं और आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित में फसल उपार्जन के पश्चात जो भी राशि आती है इस खाते में आती है ऐसे में किसानों को मजबूरन इस बैंक में लेनदेन करना पड़ता है लेकिन बैंक की व्यवस्था आज भी आदम बाबा जमाने की है जहां पर ना तो सही तरीके से सुविधा है और ना ही कर्मचारी हैं ऐसे में भला जिला प्रशासन भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है और ना ही व्यवस्थाएं ही दुरुस्त की जा रही है।
11:00 से बैठे हैं अब तक नहीं मिला पैसा
जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर चढ़ाई के गांव की निवासी पुष्पा बाई ने बताया कि वह लगभग 11:00 बजे से बैंक में आकर बैठी हैं और 3:00 बज रहे हैं अभी तक ना तो उसे पैसा मिला है और ना ही उसकी समस्या का समाधान हो रहा है कर्मचारियों का कहना है कि आप आधार कार्ड लाओ पैन कार्ड लाओ और उसे बार-बार केवाईसी के लिए बोला जा रहा है अब भला 20 किलोमीटर दूर से आई महिला कैसे घर जाकर दोबारा सारे दस्तावेज ला सकती है वहीं महिला ने बताया कि मैं सारे दस्तावेज पहले ही जमा कर दिए हैं लेकिन यहां के कर्मचारी मुझे बार-बार परेशान कर रहे हैं।
खड़े होने में होती है दिक्कत लेकिन नहीं सुन रहे कर्मचारी
ग्राम पिपरिया निवासी लाल दास ने बताया कि वह खड़े नहीं हो पाते हैं लेकिन कर्मचारियों के द्वारा उन्हें बाहर बैठने के लिए कह दिया गया और मैं पिछले 2 घंटे से बैठा हूं लेकिन मेरी समस्या अभी तक हल नहीं हुई मैं पैसा निकालने के लिए आया हूं और मुझे खेती का काम करवाना है ऐसे में कर्मचारियों की मनमानी के कारण मुझे कई बार यहां पर समस्याओं का सामना करना पड़ता है जबकि शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को सबसे पहले प्राथमिकता देते हुए उनका कार्य किया जाना है लेकिन सहकारी बैंक में मनमानी और भरेशाही के कारण किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है।
