टूट के बिखर गई आपके यादो में,
फिर से तड़प गई आपके यादों में,
आज फिर आपको देखने की चाहत हुई,
और आँखें भर गई आपकी यादो में।।
वो कसमें-वादे, हंसना-रोना, रुठना-मनाना,
हर वो लम्हें याद आने लगे जब,
डरते एक-दुसरे का साथ खोने में,
फिर कब हांथ छूटा हमारा साथ छूटा,
यही सोच बैठी हूँ तन्हा कोने में,
पर मैं नहीं आती आपकी यादों में।
यादें आती तो आप भी आ जाते,
ढूंढते अपने प्रिय को प्रेम डगर में,
आप आते हर सपना सच हो जाता,
फिर आती खुशियाँ मेरे तन्हा जीवन में,
आप न आये तो यादों से पूछ ,
पता आपका बैठी थककर के कोने में,
क्या पता कभी आप ही ढूंढने निकलें,
मुझे मेरी उसी पुरानी मर्म आशियाने में,
यही सोच जी रही आपकी यादों में।।○
आपकी :- तन्नु कुमारी
ग्राम+पोस्ट :- जागा पाकड़
प्रखंड :- हरसिद्धि
जिला :- पूर्वी चंपारण (बिहार)
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संक्षिप्त जीवन परिचय :—
मैं तन्नु कुमारी बिहार राज्य के पूर्वी चंपारण जिला अंतर्गत हरसिद्धि प्रखंड के अरेराज ग्राम से संबंध रखती हूँ। दिल्ली में रहकर मैंने सी.बी.एस.सी. बोर्ड से शिक्षा ली हूँ। राजनीतिक विज्ञान से बी.ए. की उपाधि हासिल की वर्तमान में बी.एड द्वितीय वर्ष की छात्रा हूँ।
पढ़ना एवं पढ़ाने के साथ – साथ कविता लिखना, साहित्यिक पुस्तकें पढ़ना मेरी लालसा है।
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