मुंबई: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई के आजाद मैदान में 5 दिनों से चल रहा मनोज जरांगे पाटिल का अनशन मंगलवार, 2 सितंबर 2025 को समाप्त हो गया। महाराष्ट्र सरकार द्वारा मराठा समुदाय की मांगें मान लिए जाने के बाद जरांगे ने समर्थकों के बीच ऐलान किया, “हम जीत गए हैं, यह हमारी दिवाली है!” इस घोषणा के बाद आजाद मैदान में हजारों समर्थकों ने ढोल-नगाड़ों और रंग-गुलाल के साथ उत्सव मनाया।

सरकार का बड़ा फैसला: हैदराबाद गजट लागू महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय को कुनबी वर्ग में शामिल करने के लिए हैदराबाद गजट लागू करने का फैसला किया है। साथ ही, सातारा और औंध गजट्स को 15 दिनों में कानूनी बाधाएं हटाकर लागू करने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके अलावा, आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का आश्वासन भी दिया गया है। जरांगे ने कहा कि अगर सरकार रात 9 बजे तक सरकारी आदेश (जीआर) जारी करती है, तो वे मुंबई छोड़ देंगे।
मुंबई में 5 दिन तक रहा तनाव इस आंदोलन ने मुंबई को पांच दिनों तक ठप कर दिया। दक्षिण मुंबई में भारी जाम, स्कूल-कॉलेज बंद, अस्पतालों और दफ्तरों तक पहुंचने में दिक्कतों ने जनजीवन को प्रभावित किया। बॉम्बे हाईकोर्ट के सड़कें खाली करने के आदेश के बाद जरांगे ने समर्थकों से शांति बनाए रखने और सड़कों को खाली करने की अपील की।

जरांगे की सेहत बिगड़ी, फिर भी डटे रहे अनशन के दौरान जरांगे ने पानी तक छोड़ दिया था, जिससे उनकी सेहत को लेकर चिंता बढ़ गई थी। डॉक्टरों ने चेतावनी दी थी, लेकिन वे मांगें पूरी होने तक अड़े रहे। अनशन तोड़ते समय जूस पीते हुए उनकी आंखें नम हो गईं। उन्होंने कहा कि वे चाहते थे कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्रियों की मौजूदगी हो, लेकिन यह हो न सका।
मराठा समुदाय में खुशी की लहर आंदोलन की सफलता के बाद आजाद मैदान में “मराठा आरक्षण हमारा हक है” के नारे गूंजे। कैबिनेट मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने बताया कि यह निर्णय मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों के मार्गदर्शन में लिया गया। यह जीत मराठा समुदाय के लिए ऐतिहासिक है और महाराष्ट्र की राजनीति पर इसका गहरा असर पड़ेगा।
आगे की राह जरांगे ने समर्थकों से सुरक्षित अपने गांव लौटने को कहा और बताया कि वे जल्द अस्पताल जाएंगे। अब सबकी नजर सरकार के सरकारी आदेश और अगले कदमों पर है। यह आंदोलन मराठा आरक्षण की मांग को नई दिशा दे सकता है।
जरांगे ने समर्थकों से कहा, ”सब अपने अपने गाव संभल कर जाएं. मुझे अभी अस्पताल जाना पड़ेगा. मैं बाद में आकर सबसे मिलूंगा.” इसके बाद मुंबई के आजाद मैदान में समर्थकों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया.
राज्य सरकार ने जो 6 मांगे मानी है वो है-

1)-हैदराबाद गज़ट लागू करने का निर्णय.
2)-सातारा और औंध गज़ट्स की लागू करने की प्रक्रिया (15 दिनों में कानूनी अड़चनें दूर होंगी)
3)-आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का आश्वासन.
4)-आंदोलन में मारे गए परिवारों को 15 करोड़ की आर्थिक सहायता और पात्रता अनुसार सरकारी नौकरी.
5)-58 लाख कुणबी नोंदी ग्राम पंचायत स्तर पर लगाई जाएगी.
6)-वंशवली (शिंदे) समिति को कार्यालय और कार्यावधि बढ़ाई जाएगी.
अब भी लंबित / आंशिक रूप से मान्य मांगें
“मराठा-कुणबी एक” का GR – सरकार ने कहा है कि प्रक्रिया शुरू हो गई है, पर अभी लागू नहीं हुआ.
सगे-सोयरे प्रमाणपत्र की छानबीन – इस पर भी प्रक्रिया जारी है, पर निर्णय अंतिम नहीं.
मतलब, जरांगे पाटिल की 8 में से 6 मांगे सरकार ने मान ली हैं, और बाकी 2 पर प्रक्रिया जारी है.
हैदराबाद गैजेट क्या है?
यह हैदराबाद रियासत सरकार की अधिसूचना (Gazette Notification) है. इसमें कुनबी (किसान जाति) को सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग बताया गया था. आंदोलनकारियों का दावा है कि मराठा = कुनबी है, इसलिए अगर कुनबी को OBC में मान्यता मिली थी, तो मराठों को भी उसी श्रेणी में रखा जाना चाहिए.
इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. एक्टिंग चीफ जस्टिस श्री चंद्रशेखर और जस्टिस आरती साठे की बेंच ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार और आंदोलनकारियों दोनों से कड़े सवाल किए.
रिपोर्ट : सुरेन्द्र कुमार
