काश! नाक न होती

काश!यह नाक न होती
नाक न होती तो चिंता न होती
चिंता न होती तो कोई दुखड़ा न होता
दुखड़ा न होता तो मैं तुम्हारे आगे न रोता

नाक न होती तो बदबू- खुशबू की पहचान न होती
नाक न होती तो रामायण- महाभारत की रचना न होती

आप न होइए हैरान- परेशान
यह बिल्कुल सच है श्रीमान
यदि लक्ष्मण ने न किया होता
शूपर्णखा की नाक पर प्रहार
तो न सीता हरण होता ,न करते राम,रावण का संहार

और साहब
यदि दुर्योधन द्रौपदी को वेश्या कहकर
रहते न यूँ तने ,तो उनको भी
चबाने न पड़ते नाकोचने
फिर
दुर्योधन- युधिष्ठिर ने सिंहासन को बना लिया,
अपनी नाक का प्रश्न
तभी तो छिड़ा,महाभारत युद्ध का क्रंदन
साहब!इस नाक ने बड़े- बड़े गुल खिलाए हैं
जीरो को हीरो और हीरो को जीरो बनाए हैं

नाक की इस चिंता में ही
आदमी का जीना हुआ है मुहाल
बड़े बोल बोलने से पीछे नहीं होता
भले ही औकात खरीदने की भी ,न हो पुआल
फिर भी जमाने के लिए अपनी धाक
ऊँची रखने के लिए अपनी नाक
सबको यह करना पड़ता है
आँखोंदेखी मक्खी निगलना पड़ता है

दुश्मनी,मुकदमेबाजी,शादी हो या भात
इसी नाक के कारण वे हो जाते हैं बर्बाद
भले ही इसके लिए लेना पड़े कर्जा
चाहे गिरवी हो जाए घर का जर्रा- जर्रा
लेकिन कर्जा लेकर भी इस नाक से पार नहीं
बात- बात पर खड़ा हो जाता है नाक का सवाल वहीं
किसी के पैर छूना गए भूल
इसी छोटी सी बात को देकर तूल
मचा देते हैं बवाल
करने लगते हैं अपने मान पर सवाल
चाहे कितनी नाक रगड़िए, होते वह शांत नहीं
मेरा भी ‘ नाक पुराण’ सुन कर
आप भी नाक-भौं न सिकोड़िए
बस,इतनी सी बात मान लीजिए श्रीमान
कि नाक के प्रश्न पर इतना मत अकड़िए
कि खुशियाँ भी लगने लगे गम
और हम भी रह न जाएँ हम


प्रज्ञा जैमिनी’स्वर्णिमा’

रचनाकार प्रज्ञा जैमिनी’स्वर्णिमा’ भारत देश का दिल कही जाने वाली दिल्ली की निवासी हैं।यह सेवानिवृत्त हिंदी शिक्षिका हैं।इन्होंने लोक प्रशासन,राजनीति विज्ञान व हिंदी तीन विषयों में एम .ए . व बी.एड परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की है। बचपन से ही इनकी रचनात्मक कार्यों में रुचि रही।इन्हें हिंदी अकादमी द्वारा उपन्यास प्रतियोगिता (आलोकवल्लभा)में प्रथम व कहानी प्रतियोगिता (पिताजी की वापसी)में द्वितीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है।यही नहीं, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में तीन सौ से अधिक रचनाएँ भी प्रकाशित हुई हैं।इनके अठारह साझा संकलन भी प्रकाशित हो चुके हैं। इन्हें सौ से भी अधिक साहित्यिक सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है।विशेषत:कबीर कोहिनूर प्रथम श्रेणी2023 हेतु देश की सौ असाधारण प्रतिभाओं में इनका चयन पत्रकारिता/लेखन के क्षेत्र में हुआ था।वर्तमान समय में रचनात्मक लेखन कार्य मे लीन हैं।

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